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shayri for desh bhakti

 shayri 

आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे,

शहीदों की कुर्बानी बदनामी ना होने देंगे,

बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक

भारत माँ का आँचल नीलाम ना होने देंगे !.

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चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में,

देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रक्खा है

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शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा

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अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए मेरा भारत महान है

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जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है

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खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है

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खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है…

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लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा

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मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये

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अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं

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इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना

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देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है

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लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर

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गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है
सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है
दिल से तुमको नमन हैं करते
ये आजाद वतन जो दिलाया है

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शहीद देश भक्ति शायरी

कर जज्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम !
हर दुश्मन को मार गिराएंगे, जो हमसे देश बँटवाएंगे !!

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आन देश की, शान देश की, इस देश की हम संतान हैं !
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है !!

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सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ !
दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ !!

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इस वतन के रखवाले हैं हम
शेर ए जिगर वाले हैं हम
मौत से हम नहीं डरते
मौत को बाँहों में पाले हैं हम

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देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें
अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें

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खींच दो अपने ख़ूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो अगर कोई हाथ उठने लगे
छू ना पाये सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

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तिरंगा है आन मेरी
तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा
तिरंगे से है धरती महान मेरी

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सुन्दर है जग में सबसे, नाम भी सबसे न्यारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है

जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है

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तीन रंग का नही वस्त्र,
ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही है हिमालय,
यही हिन्द की जान है,
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान है

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मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा,
यही अरमान रखता हूँ।

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एक सैनिक ने क्या खूब कहा है,
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

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नफरत की भावना को भी बड़े प्यार से सहते है,
ये देश नहीं मेरी जान है,
जिसे हिन्दुस्तान कहते है।

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देशभक्ति की महक अब मेरे कपड़ों से भी आने लगी हैं,
अब तो मेरी धड़कन भी जय हिंद गाने लगी है। 

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मैं मर जाऊँ तो सिर्फ मेरी इतनी पहचान लिख देना,
मेरे खून से मेरे माथे पर जन्म स्थान लिख देना,
कोई पूछे तुमसे स्वर्ग के बारे में तो,
एक कागज के टुकड़े में हिन्दुस्तान लिख देना।

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सुंदर है जग में सबसे,
नाम भी न्यारा है जहां जाती-भाषा से बढ़कर,
देश-प्रेम की धारा है निशचल,
पावन, प्रेम पुराना,
वो भारत देश हमारा है।

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करता हूँ भारत माता से गुजारिश, हमेशा यही कि,
तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी कभी न मिले,
हर जन्म मिले हिन्दुस्तान की पावन धरती पर,
या फिर कभी मुझे ज़िन्दगी ही न मिले।

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चाहत है मेरी हसीन जिंदगी के ऐसी इक शाम आये,
देश की सरहद से मौत का मेरी पैगाम आगे,
वैसे तो अनेको लोग मरतें है मोहब्बत के नाम,
पर खावहिश यही है मेरा खून देश के काम आये।

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